राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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बुधवार, 22 जनवरी 2020

हम तुमसे प्रेम जारी रख सकते है

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तुम्हारे गाँव से उड़ते आ रहे पंछी गोधूलि बेला मन को सहसा याद दिलाये कि तमाम पाबन्दियों के बावजूद हम तुमसे प्रेम जारी रख सकते है हम ...
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रविवार, 29 दिसंबर 2019

एकबार कहा होता

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एकबार कहा होता 'मुझे जाना है  तुम्हे छोड़कर..' तो मैं तुम्हे जाने देता  बड़े शौक से लेकिन  तुम तो बिना कुछ बताये...
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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

तुम होते तो..

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तुम होते तो  एक अलग सा मौसम होता है फ़िजा में नदियाँ नाचती और पेड़ झूमते  आसमान कुछ कहता  और धरती बहुत कुछ सुनती -...
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गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

आखिर, क्यों !

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तुमने मुझसे वो मांगा  जो मैं दे नही सकता था फिरभी दिया मेरा सबकुछ लेने के बाद  लौटना भूल गई  कभी याद दिलाया तो  तुमको बह...
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मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

तो अच्छा होता !

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जाने से पहले कुछ कह के जाती  तो अच्छा होता ! एक बार गले लगाके जाती तो अच्छा होता ! कोई बात हमारी अपने दाँतो तले दबा के जात...
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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

मुझे लेकर

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तेरे जज्बातों के साये में काटनी थी  ताउम्र पर एक उम्र के बाद  तेरे ख्यालात बदल गए  मुझे लेकर मुझे लेकर  जिस तीव्र गति से...
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सोमवार, 25 नवंबर 2019

महज नाम की मोहब्बत

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निगाहों में  तुम्हारी सूरत रही और बाहो में मेरी जरूरत हम घर से निकले तो थे  बहुत दूर पर  नजदीकियों में समेट लिया तुमने मुझ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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