प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
होंठो पर जब नही खिंचती हँसी की लकीरसोचता हूँ कि कुछ तो गलत कर दिया हैं मैंने।प्रेम की पराकाष्ठा...वाह!!!बहुत ही सुन्दर।
जी आभार आपका सादर 🙏
Thanks for the article really help me
होंठो पर
जवाब देंहटाएंजब नही खिंचती हँसी की लकीर
सोचता हूँ
कि कुछ तो गलत कर दिया हैं मैंने।
प्रेम की पराकाष्ठा...
वाह!!!
बहुत ही सुन्दर।
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