रविवार, 18 नवंबर 2018

हम साथ है तुम्हारे !


यार !
हम साथ है 
तुम्हारे 

चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यू ना हो 
सामने 

हम साथ-साथ लड़ेंगे 
और आगे बढ़ेगे.. 

लोगो के लिए ना सही 
पर एक-दुसरे के लिए 
हम बढ़ते चलेंगे 
मुश्किलों और मुसीबतों के आंधी को चिरते हुए..
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

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