राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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गुरुवार, 3 जनवरी 2019

प्यार का आशियाँ

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Art by Ravindra Bhardvaj प्यार का आशियाँ  पंछी के घोंसले जैसा होता हैं  हरकोई बहुरुपियाँ होता हैं  जब चढ़े नजर में किसीके  उजाड़...
बुधवार, 2 जनवरी 2019

अपना घर

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गूगल से साभार  मीरा नायर की मूवी 'सलाम बाम्बे' पर आधारित  बगुलें उड़ते जा रहे है अपने घर  अपना घर  अपने घर से सुंदर...
मंगलवार, 1 जनवरी 2019

आगामी वर्ष की शुभकामनाएं !

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Art by Ravindra Bhardvaj एक  तुम्हे रुकना होता तो रुक गये होते मेरे घर आलमारी में तहा के करीने से रख दिए होते अपना वस...
सोमवार, 31 दिसंबर 2018

वो बातें

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Art by Ravindra Bhardvaj सफर चंद रातों का रातें  बातों में कट गई अब कटीली झाड़ियो सी चुभती हैं  वो बातें  जिन्हें जीना-मरना ...
रविवार, 30 दिसंबर 2018

गरीब सबसे पहले नंगा हो जाता है

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Art by Ravindra Bhardvaj बच्चे  नंगे ही  भले-चंगे लगते है  गरीब के  सूट-बूट में ही  अच्छे लगते है  अमीर भी  अमीर  ...
1 टिप्पणी:
शनिवार, 29 दिसंबर 2018

कभी यहाँ बरसते हो, कभी वहाँ

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Art by Ravindra Bhardvaj सावन  बादर  नैना  रूप  धुप  चैना  कभी यहाँ बरसते हो  कभी वहाँ ज...
शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

चलता चल..!

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Art by Ravindra Bhardvaj तू अपनी लौ में  जलता चल ! मेरे-तेरे भाग्य का फैसला  करेगा वो ऊपर वाला ही ! तू अपनी ही मति से  नदी की गत...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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