राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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गुरुवार, 27 सितंबर 2018

कभी मेरे बारे में भी तो सोचो..

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Art by Ravindra Bhardvaj बहुतो के बारे में बहुत सोचती हो.. कभी मेरे बारे में भी तो सोचो.. सोचो.. गर मै ना रहा तेरा तो किसे स...

सोचा था..

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सोचा था.. भूल जाऊँगा मै तुम्हे पर ये हो ना सका मुझसे क्योंकि तुम सा मै नहीं ! रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
रविवार, 23 सितंबर 2018

मिलेंगे हम-तुम फिरसे..

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Art by Ravindra Bhardvaj मिलेंगे हम-तुम फिरसे उन्ही वादियो और फिज़ाओ में जहां दर्द ऊठा था सीने में साथ-साथ जीने और मरने क...

शायद

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शायद वो नही आयेगी लौटकर.. लौटकर मै भी नही गया उसके शहर के तरफ.. कविता व रेखाचित्र - रवीन्द्र भारद्वाज
शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

ये दिल है कि मानता नहीं..!

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शहर का गली-गली छाना चप्पा-चप्पा ढूंढा तुम्हे तुम नही दिखी.. लगता है तुम चली गई हो इस शहर से बहुत दूर मगर ये दिल है...
बुधवार, 12 सितंबर 2018

तुम्हारी यादो के गिरफ्त मे रहता हू।

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Art by Ravindra Bhardvaj हर मौसम मे एक कसक सी ऊठती है हरपल एक खोज सी रहती है.. हर दरख्त पर पत्ते नही रहते हमेशा और ह...

एकदिन

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Art by Ravindra Bhardvaj एकदिन तो ऐसा आयेगा तुम मेरी बाहो मे होंगी.. और सारी दुनियादारी तुम्हारी बिखरी पड़ी होगी कही.. कविता...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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