राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शनिवार, 16 मार्च 2019

मिलते रहना यार !

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वो  जब-जब मुझसे मिलती हैं  फूल जैसे खिलती हैं  उसका खिलना देखकर  मैं मन ही मन मुस्काता हूँ  बातों के कम्पन से लगता हैं  ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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