राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

▼
बाबा तुम भूल गये क्या ! लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बाबा तुम भूल गये क्या ! लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

बाबा तुम भूल गये क्या !

›
बाबा तुम भूल गये क्या ! बिटियाँ का देश  नही भूले होंगे सुबह-शाम पान चबाना  मूछें ऐठकर अम्मा-भैया पर रौब जमाना  घर से निकलने ...
2 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.