राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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सोमवार, 4 मार्च 2019

बगैर तुम्हारे

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ये फलक, ये जमीं कुछ नहीं  कुछ नहीं  बगैर तुम्हारे  बगैर तुम्हारे  हवा में शोख़ी नही  मदिरा मदहोश करती नही  चुभती हैं बा...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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