राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शुक्रवार, 8 मार्च 2019

प्रिये !

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प्रिये ! तुम्हे देखने को  बहुत जी करता हैं  तुम मीलों दूर क्यूँ चली गई हो  क्या पास नही रह सकते हम ! वक्त के रवानी में  ...
4 टिप्‍पणियां:
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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