राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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सोमवार, 5 नवंबर 2018

नदी थी वो

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नदी थी वो मुझमे से उदगम प्रेम ले चली थी बही थी साथ-साथ कुछ दूर कुछ दूर बाद ही वो मुड़ गयी तोड़कर प्रेम की जलधारा। ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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