राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शनिवार, 15 दिसंबर 2018

तू अबभी है मेरे जेहन में

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धूप में  बिखरे बाल  हाथ में  रुमाल  तू अबभी मेरे जेहन में है  प्रेयसी सरीखी  लेकिन मैं नही हू  तुम्हारे नजर में  एक अच्छा, स...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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