शनिवार, 15 दिसंबर 2018

तू अबभी है मेरे जेहन में

धूप में 
बिखरे बाल 

हाथ में 
रुमाल 

तू अबभी मेरे जेहन में है 
प्रेयसी सरीखी 

लेकिन मैं नही हू 
तुम्हारे नजर में 
एक अच्छा, सच्चा प्रेमी.
- रवीन्द्र भारद्वाज 

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