राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019

तुम्हारे बगैर

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तुम्हारे बगैर  मेरा जीना  क्या जीना ! हवा को पीना  जहरीले साँप की तरह  ऐसे भी जीना  क्या जीना ! बासंती हुई समग्र पृथ्व...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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