राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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बुधवार, 6 मार्च 2019

जितनी बार देखू तुझे कम हैं

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जितनी बार देखू  तुझे  कम हैं  कम हैं दिल को सुकून दिलवा पाना  आदतन  हुआ हैं ये  कि मैं तुझसे प्रेम करने लगा हूँ  त...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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