राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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मंगलवार, 7 मई 2019

क्या कहने

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खुली हवा में साँस लेना  बरसात में तेरे साथ होना  क्या कहने  गुलाबी सूरज का पहाड़ से गेंद सा लुढ़कना सागर पर चाँदनी का चमचमाना ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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