राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

औरत ना होती तो

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औरत ना होती तो  प्यार ना उपजा होता मर्द के अंदर  नदियाँ ना होती तो  सागर रेगिस्तान की तरह तपता रहता  ह्दय में पीड़ा का मंथन न...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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