शनिवार, 28 सितंबर 2019

उसने कहा था

वह मुझसे अब बोलती नही

राज़ को राज़ रखती है 
भूले से भी, राज़ को खोलती नही 

उसने कहा था - 
हम तुमसे बेहद प्यार करते है 

करती तो थी 
लेकिन हकीकत में नही 
मुझे तो अब ऐसा ही लगता है 

- रवीन्द्र भारद्वाज


8 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम दो रूहों का होता है
    फिर ये राज कैसा।
    उम्दा कृति।
    पधारें - शून्य पार 

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  2. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार (29-09-2019) को "नाज़ुक कलाई मोड़ ना" (चर्चा अंक- 3473) पर भी होगी।

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।

    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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