प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
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शनिवार, 28 सितंबर 2019
सोमवार, 16 सितंबर 2019
अफसोस कि
अफसोस कि तुम मुझे हारते देखते रहे
सबसे पहले तुमने ही हराया था मुझे
अपनी दूरियों के जाल को मुझपर फेककर
और जमाना तो हार का मोहताज नही
वो तो जीत का ही जश्न मनाता फिरता है
किसीको हारते देखना
और खुद हारना
दो अलग बातें है
अगले को देखकर गुस्सा आता है
और खुदपर तो बहुत गुस्सा।
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज