बुधवार, 28 अगस्त 2019

एक तेरे न होने से साथ मेरे

तुम मुझे नही भूले तो 
हम तुम्हे भी नही भूले 

भूलना 
कब्र पर मिट्टी डालने जैसा होता है 

तुम्हारी यादों से सुबह होती है मेरी 

और
उसी भीनी-भीनी खुश्बू में 
डूब जाती है शामें मेरी 

दिन के उजाले में 
दुनिया मायावी लगती है 
लेकिन रात के अंधरे में 
मुरझाया गुलाब
एक तेरे न होने से साथ मेरे 

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज


6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 29 अगस्त 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. भूलना
    कब्र पर मिट्टी डालने जैसा होता है
    वाह!!!
    ,क्या बात...

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  3. भावों से सजी सुंदर रचना प्रिय रवीन्द्रजी | सस्नेह सुभकामनाएँ

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  4. जब साथ न हो किसी का तो दिन मुरझाया तो लगता ही है ...
    अच्छी रचन ...

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