मेरी नजर में तू हैं
तेरी नजर में कोई और
किसीसे तुम प्यार करती हो
किसीसे मैं भी
दर्द हम समझते हैं
बखूबी
एक-दुसरे का
पर हम एक-दुसरे से प्यार नही करते
पर हम लाखो बातें करके भी
एक-दुसरे से
अजनबी रहना चाहते हैं
न जाने क्यों
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
हमेशा की तरह ये भी बेह्तरीन है
जवाब देंहटाएंकुछ लाइने दिल के बडे करीब से गुज़र गई....
बहुत-बहुत आभार.... आदरणीय
हटाएंजी सह्दय आभार.... इस रचना को "पाँच लिंको के आनंद में" प्रदर्शित करने के लिए।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर कुछ अलग पर उम्दा।
जवाब देंहटाएंजी बहुत-बहुत आभार.... आपका।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजी बहुत-बहुत आभार.....
हटाएंवाह !!बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार...... आदरणीया।
हटाएंपर हम लाखो बातें करके भी
जवाब देंहटाएंएक-दुसरे से
अजनबी रहना चाहते हैं
न जाने क्यों
बहुत लाजवाब....
जी बहुत-बहुत आभार..... आदरणीया
हटाएंदर्द हम समझते हैं
जवाब देंहटाएंबखूबी
एक-दुसरे का
पर हम एक-दुसरे से प्यार नही करते....वाह !!बहुत ख़ूब आदरणीय
सादर
जी बहुत-बहुत आभार..... आदरणीया।
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