बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

एक तरफ़ा सफ़र

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एक तरफ़ा सफ़र मैंने तय किया 
प्यार में 

था भरोसा 
एकदिन प्यार हो जायेगां तुम्हें 
मेरे प्यार पर 
और हम साथ-साथ चलेंगें 

लेकिन नही 
हुआ 
मेरा सोचा 

कहते भी हैं लोग 
कि सोचा सच नहीं होता कभी 

मैंने सहस्रों कविताएँ रच डाली 
चित्र भी 

पर शायद इतना काफी न था 
मेरी सृजनशीलता 

कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

चित्र - गूगल से साभार 

17 टिप्‍पणियां:

  1. ये प्रेम की अदा है ... प्रेमी का काम हार मानना नहीं ...

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    1. ....बहुत खूब.....मैं तो ये भूल ही गया था ..प्रेमी का काम हार मानना नहीं ...
      स्मरण कराने के लिए ........अत्यंत आभार .....आदरणीय

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  2. कमाल की रचनाएँ होती है आप की आदरणीय
    सादर

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 22 फरवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. "पांच लिंकों का आनन्द में" इस रचना को साझा करने के लिए आभार...... जी सादर

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  4. कविता इतनी जिंदा है कि उसकी हर धड़कन सुनाई दे रही है...

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    उत्तर
    1. सह्दय आभार ....आदरणीय
      आपके कमाल की प्रतिक्रिया पढ़कर अनन्त हर्ष की अनुभूति होती हैं
      सादर

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  5. मैंने सहस्रों कविताएँ रच डाली
    चित्र भी
    पर शायद इतना काफी न था
    मेरी सृजनशीलता
    बहुत ही लाजवाब प्रेम से ओतप्रोत
    कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.....

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    उत्तर
    1. ..कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.....जी बिल्कुल सत्य !
      प्रोत्साहित करने के लिए
      अत्यंत आभार..... आदरणीया।

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  6. किसी ने कहा है एक तरफ़ा प्यार की ताकत ही कुछ और होती है बहुत खूब... सादर नमन

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