मेरी जीवनसंगिनी को समर्पित
तुम मिलते नही तो
मुझसे मिलता कौन ?
कौन
दिल को धड़कता
कौन
मुझपर
हक जतलाता
कौन
घर-
आंगन को
छनकाता,
महकाता
कौन
रातों में
मेरा पैर दबाता
और कौन
अपनी बाहों में
मुझे सुलाता
बोलो..
बोलो न
कौन ?
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
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