बुधवार, 31 अक्टूबर 2018

बेवजह



तू चली गई

बेवजह

क्या बेवजह मिले थे हम

नही न

तो फिर
क्यों तोड़ दिया
बरसों पुराना रिश्ता
अचानक
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

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