राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

▼
हमे मिलना ही था ! लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
हमे मिलना ही था ! लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गुरुवार, 15 नवंबर 2018

हमे मिलना ही था !

›
हम मुद्दत बाद मिले  बस इसलिए कि हमे मिलना ही था  कही ना कही प्यार  तुम्हारे ह्दय में भी था  मेरे लिए  कम...
4 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.