राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शुक्रवार, 18 जनवरी 2019

मैं बट गई

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मैं बट गई दो हिस्सों में एक हिस्से में, मेरा शरीर हैं दुसरे में, मेरा हृदय हृदय , उसके पास हैं जिसके पास हृदय नही और शरीर...
4 टिप्‍पणियां:
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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