राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

मुस्कुराता रहूँगा

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रास्तें याद रहेंगे  बातें इन्ही वादी में गूंजेंगी  मुस्कान ख़ुशबू की तरह  बिखरी पड़ी  मिलेंगी  तुम्हारी  इतनी खुबसुरत हो...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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