राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

मुझे बस तेरी फ़िक्र है !

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मुझे बस तेरी फ़िक्र है ! वरना मर-खप गई होती मै कबकी.. तू मेरे बिना कैसे जियेगा.. जान जब मुझमे बसती है तेरी ! तू मेरी जुद...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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