राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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सोमवार, 3 दिसंबर 2018

मुझे तुम नही मिले..

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मुझे तुम नही मिलें  ना तुम्हारा नसीब मिला  तुम खो गये अचानक से  मेरे साथ चलते-चलते  पल दो पल का तो सफर रहा  ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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