राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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मंगलवार, 22 जनवरी 2019

प्रेम उपद्रव हैं !

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अब भूल जाते हैं हम तुम्हें  आखिर तुम भी किसीकी बेटी हो ! बहन हो ! बुआ हो !.. तुम तो जानती ही हो न  प्रेम उपद्रव हैं ! ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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