राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

▼
नामुमकिन था लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
नामुमकिन था लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बुधवार, 26 दिसंबर 2018

नामुमकिन था

›
Art by Ravindra Bhardvaj ट्रेन का रुकना  नामुमकिन था नामुमकिन था वैसे ही तुम्हें भी रोक पाना - रवीन्द्र भारद्वाज
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.