राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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सोमवार, 25 मार्च 2019

नदियाँ अगर बची-खुची हैं तो

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नदियाँ अगर बची-खुची हैं तो  शवदाह के लिए .. नदियों के गर्भ में  जो मछलियाँ, केकड़े, झिंगें .. हैं  वो हमारे पेट में आने से पह...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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