राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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रविवार, 11 नवंबर 2018

तुम मिलते नही तो

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हम तन्हाईओ में तुझे ढूढ़ते रहे हम रुशवाईयों में तुझे पुकारते रहे तुम मिलते नही तो अफसानां ना बना होता कोई कोई दर्द...
2 टिप्‍पणियां:
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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