राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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सोमवार, 12 नवंबर 2018

कि..

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मै रोयी कि बेपरवाह हू  उससे  मै खोयी  हौले-हौले  उसे  कि उसे यकीन न आये  (कुछ खोने का) इल्म ना...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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