राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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रविवार, 10 मार्च 2019

कब लौटोंगी

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तन की आग बूझें ना बूझें सही  पर मन की आग बुझा दो  कुछ इस तरह  मुझें अपने सीने से लगा  पलभर को सही सुला दो  मैं बरसों से जा...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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