राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

ऋतुराज ! कहो कुछ आज !

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ऋतुराज ! कहो कुछ आज ! आज मन फीका-फीका सा हैं  हवा में रिक्तता सा हैं  वो आज झल्लाई नही मुझपर क्योंकर हैरान हूँ घर लौटकर  घ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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