राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शुक्रवार, 1 मार्च 2019

उन्हें देखकर

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उन्हें देखकर यूं लगा  मुद्दत बाद करार मिल गया  वादी में  भुला-बिसरा नगमा मोहब्बत का गूंज गया  मुझे याद हैं  कबके मिले कबके...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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